In MP Harsimrat Badal controversy, Akali Dal's election symbol is compared with Baba Nanak's Takdi

एमपी हरसिमरत बादल विवादों में, अकाली दल के चुनाव चिन्ह की बाबा नानक की तकड़ी से की तुलना

एमपी हरसिमरत बादल विवादों में, अकाली दल के चुनाव चिन्ह की बाबा नानक की तकड़ी से की तुलना

In MP Harsimrat Badal controversy, Akali Dal's election symbol is compared with Baba Nanak's Takdi

चंडीगढ़। पंजाब में अकाली दल की एमपी हरसिमरत कौर बादल नए विवाद में घिर गई हैं। उन्होंने अकाली दल के चुनाव चिन्ह की बाबा नानक की तकड़ी (तराजू) से तुलना कर दी। उन्होंने कहा कि अकाली दल का चुनाव चिन्ह भी उनके लिए बाबा नानक की तकड़ी से कम नहीं है। श्री गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु थे।

मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी हरसिमरत ने यह बात अबोहर में चुनाव प्रचार के वक्त कही। अकाली दल पंजाब में पंथ की राजनीति करती है। ऐसे में उसी सिख पंथ के पहले गुरु के बारे में विवादित टिप्पणी का लोग विरोध करने लगे हैं।

अबोहर में चुनावी रैली में पहुंची बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि हमारा परिवार अहसानफरामोश नहीं है। लोगों के अहसान का मूल्य मोडऩे की पूरी कोशिश करते हैं। हमारे लिए अकाली दल के चुनाव चिन्ह तकड़ी गुरु नानक साब की तकड़ी से कम अहमियत नहीं रखती। यह तकड़ी हमें याद दिलाती है कि अगर आपने हम में विश्वास जताया है तो इसका मूल्य सौ गुना वापस मोड़ा जाए।

यह पहली बार नहीं है, जब हरसिमरत कौर बादल ने विवादित टिप्पणी की हो। इससे पहले उन्होंने किसानों के साथ करीबी दिखाने के चक्कर में हिंदुओं पर तिलक-जनेऊ को लेकर टिप्पणी कर दी थी। हरसिमरत बादल ने संसद में कहा था कि लाल किले पर केसरी झंडा लहराने पर ऐतराज किया जा रहा है। यह वही जगह है, जहां से सिख धर्म के 9वें गुरू की शहादत का ऐलान किया गया था। हरसिमरत ने कहा कि आपके तिलक और जनेऊ को बचाने के लिए 9वें गुरू ने शहादत दी थी। उनका बयान भाजपा के जरिए सीधे तौर पर हिंदुओं के लिए माना गया।

पंजाब चुनाव में पार्टी की हालत को लेकर अकाली दल काफी परेशान नजर आ रहा है। उन्हें किसान आंदोलन की राजनीतिक मजबूरी के चलते केंद्रीय मंत्री पद गंवाना पड़ा। फिर केंद्र में सत्ता संभाल रही भाजपा से गठबंधन तोडऩा पड़ा। किसान आंदोलन का पूरा बैनिफिट उन्हें नहीं मिल रहा, क्योंकि वह कृषि कानूनों की तारीफ कर चुके थे।

अब अचानक दिग्गज अकाली नेता और सांसद हरसिमरत कौर बादल के भाई बिक्रम मजीठिया पर सरकार ने ड्रग्स का केस दर्ज कर दिया। ऐसे में वह अंडरग्राउंड हैं। भाजपा से अलग होने के बाद शहरों में उन्हें हिंदू वोट बैंक की चिंता सता रही है, जबकि गांवों में पहले आप और अब किसानों के खुद चुनाव लडऩे से बड़ा झटका लगा है। उनका क्षेत्रीय पार्टी का दांव भी पिटता नजर आ रहा है।

कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में श्री गुरु नानक देव जी नवाब के भंडारगृह में काम करते थे। यहां गुरु नानक देव जी जरूरतमंदों की मदद करते थे। कुछ लोगों ने सुल्तान को चुगली कर दी कि बाबा नानक के कारण मोदीखाना लुट रहा है। वह कोई चीज तोलते नहीं और ‘तेरा-तेरा’ कहकर सामान दे देते हैं। हालांकि जब इसका हिसाब जोड़ा गया तो मोदीखाने में रुपए ज्यादा ही निकले। श्री गुरु नानक देव जी की इसी तकड़ी के प्रति श्रद्धालुओं में अपार श्रद्धा रहती है। इसलिए कहा जाता है कि बाबा नानक की तकड़ी हमेशा बराबर तोलती है।